जन्माष्टमी पर क्या भोग लगाएं जिससे कनहैया खुश हो जाएँ

आज हम आपको ऐसे भोग बताने वाले हैं जो कि आप इस जन्माष्टमी पर लगा सकते हैं।
माखन-मिश्री
धार्मिक ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि श्रीकृष्ण को दूध और उससे बनी सभी वस्तुएँ अत्यंत प्रिय थीं, विशेष रूप से माखन। बाल्यकाल में वे अपने मित्रों संग माखन चुराकर भी खाया करते थे, इसी कारण उन्हें माखन चोर कहा जाता है। जन्माष्टमी पर शुद्ध माखन में मिश्री मिलाकर भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
पंजीरी
पंजीरी, जो सामान्यतः धनिए से बनाई जाती है, जन्माष्टमी का एक प्रमुख भोग है। मान्यता है कि इस दिन पंजीरी अर्पित करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।
मालपुआ
शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण को राधा रानी के हाथों से बने मालपुए अत्यंत प्रिय थे, जिन्हें वे बड़े चाव से खाते थे। अतः जन्माष्टमी के अवसर पर मालपुए का भोग लगाना अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।
श्रीखंड
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को श्रीखंड का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। दही से बनने वाला यह व्यंजन नंदलाल को विशेष रूप से प्रिय है और भक्ति भाव से इसे अर्पित करने पर कृपा प्राप्त होती है।
मोहन भोग
श्रीकृष्ण को मोहन नाम से भी पुकारा जाता है, और उनके इसी नाम पर आधारित एक विशेष व्यंजन है मोहन भोग। यह उन्हें अत्यंत प्रिय है। इसे गेहूं के आटे को शुद्ध गाय के घी में भूनकर, पंचमेवा और मिश्री के चूर्ण के साथ तैयार किया जाता है।
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