अब साहित्यिक रचनाओं से जानी जाएगी ट्रेने

हम में से ज्यादातर लोग ट्रेनों में सफर तो करते ही रहते हैं। ज्यादातर ट्रेनों के नाम उनके प्रस्थान या समाप्ति वाले स्टेशनो के नाम से जाने जाते हैं। अब आप आगे से जब भी ट्रेनों के रिजर्वेशन कराने जाएं तो उसका नाम ठीक से पता कर लें क्यूंकि बहुत ही जल्द आपकी ट्रेनों के नाम बदलने वाले हैं।

यूँ तो पहलेभी कई बारट्रेनों के नामोंमें फेर बदलकी जा चुकीहै। जैसे किहिन्दू महासभा के प्रेसिडेंटके पेन नामपे महामना एक्सप्रेसका नाम रखागया। मराठी कविकृष्ण जी केशवदामले की कवितातुतारी का नामपे दादर सावंतवाड़ीएक्सप्रेस का नामतुतारी  एक्सप्रेसरखा गया है।  मुंशीप्रेम चंद्र केउपन्यास गोदाम के नामपे गोदाम एक्सप्रेसका नाम रखागया है।

लेकिन इस बार इंडियनरेलवे में साहित्यकी झलक देखनेको मिल सकतीहै। रेल मंत्रालयइस बारे मेंविचार कर रहाहै की ट्रेनोंके नाम मशहूरसाहित्कारों की रचनाओंके नाम पेरखा जाये। वेस्ट बंगाल जाने वाली ट्रैन को जल्द ही महाश्वेता देवी की रचनाओं के नाम से जाना जायेगा। इसी प्रकार बिहार जाने वाली ट्रैन के नाम रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं पे आधारित होंगी।

इस कार्य के लिए रेलवे मिनिस्ट्री अवार्ड जीतने वाले साहित्कारों के नाम जुटाए जा रहे है। साहित्य अकादमी अवार्ड से नवाजे जा चुके साहित्कारों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है। इस प्रकार से ट्रेनों के नाम बदलने का उदेश्य लोगो को इस बात की जानकारी देना है की कौन सा साहित्कार किस क्षेत्र से सम्बंधित है। 

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नोट: उपरोक्त सिफारिशोंऔरसुझावप्रकृतिमेंसामान्यहैं।अपनेआपपरप्रयोगकरनेसेपहलेएकपंजीकृतप्रमाणितट्रेनरयाअन्यपेशेवरसेपरामर्शकरनेकीसलाहलीजिये

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