मासिक धर्म में पूजा करने का नियम, woman during periods, ekaanshastro,
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ज्योतिष: मासिक धर्म (periods) में पूजा करने का नियम

मासिक धर्म में पूजा करने का नियम, woman during periods, ekaanshastro,

यह प्रश्न लंबे समय से सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चर्चा का विषय रहा है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं — धार्मिक शास्त्रों, परंपराओं, और आधुनिक दृष्टिकोण के आधार पर।

शास्त्रीय और धार्मिक दृष्टिकोण:

वेद और उपनिषद:

वेदों और उपनिषदों में मासिक धर्म  (women during periods) को लेकर कोई स्पष्ट निषेध नहीं है कि स्त्री पूजा-पाठ नहीं कर सकती। बल्कि वैदिक काल में महिलाएं यज्ञों में भाग लेती थीं और ऋषिकाएं (स्त्री ऋषि) भी वेद पाठ करती थीं।

मनुस्मृति, धर्मसूत्र, पुराण आदि:

कुछ धर्मशास्त्रों जैसे मनुस्मृति और अन्य धर्मसूत्रों में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को “अस्पर्श” मानने की परंपरा देखी जाती है। यह निषेध धार्मिक नहीं, बल्कि शारीरिक विश्राम को ध्यान में रखकर सामाजिक व्यवस्था के रूप में सामने आया था।

विशेष ध्यान दें: अधिकांश पुरानी मान्यताएँ उस समय की सामाजिक संरचना और स्वच्छता संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण बनी थीं, न कि स्त्री को अशुद्ध मानने की वजह से।

क्या पूजा की जा सकती है?

विषय उत्तर
क्या स्त्री पूजा कर सकती है? हाँ, यदि वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस कर रही हो।
क्या मंदिर जा सकती है? स्थान विशेष पर निर्भर करता है – कुछ मंदिरों में पारंपरिक निषेध हैं।
क्या मंत्र जप और ध्यान कर सकती है? पूर्ण रूप से कर सकती हैं। इसमें कोई रोक नहीं है।
क्या हवन, यज्ञ, मूर्ति स्पर्श कर सकती है? यह परिवार या परंपरा की मान्यता पर निर्भर करता है। आधुनिक दृष्टिकोण में इसकी अनुमति है।

आध्यात्मिक सार:

  • पूजा बाहरी कर्मकांड से अधिक अंतर्मन की भावना है।
  • मासिक धर्म एक शक्ति और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया है।
  • यदि कोई स्त्री इस दौरान शारीरिक असहजता न महसूस करे, तो वह पूजा कर सकती है — चाहे मंत्र जाप हो, ध्यान हो या भक्ति संगीत सुनना।

निष्कर्ष:

मासिक धर्म के दौरान पूजा करना निषिद्ध नहीं है।
यह पूरी तरह से स्त्री की सुविधा, श्रद्धा और स्वैच्छा पर आधारित है।
पारंपरिक निषेध सामाजिक कारणों से उत्पन्न हुए थे, न कि आत्मिक अशुद्धि के आधार पर।

स्त्री को इस समय में संकोच नहीं, सम्मान और संवेदना की आवश्यकता है। हर भावना जहाँ प्रभु से जुड़ती है, वहीं पूजा होती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई बातें/उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। ekaanshastro यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग कर निर्णय लें। ekaanshastro अंधविश्वास के खिलाफ है।

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