जानिए तिलक लगाने के लिए अलग अलग उंगलियों का महत्त्व

हिन्दू धर्म में तिलक का बड़ा महत्व है। तिलक लगाने से अमुक व्यक्ति के स्वास्थ्य से लेकर उसके मान सम्मान तक पर प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको अलग अलग उँगलियों से तिलक करने का महत्त्व बताने जा रहे हैं। तो आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अंगूठा (थंब)
अंगूठे से तिलक करना भी शुभ फलदायक होता है। अंगूठे को शुक्र गृह से जोड़ कर देखा जाता है। शुक्र आपके स्वास्थ और सम्पन्नता का प्रतीक है। अगर आप किसी बीमार व्यक्ति को नियमित रूप से अंगूठे से तिलक करें तो कुछ ही दिनों में व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है।

मध्यमा (मिडिल फिंगर)
मध्यमा ऊँगली शनि को प्रतिनिधित्व करती है। इस ऊँगली से तिलक करने से व्यक्ति का मान सम्मान बढ़ता है। तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस उंगली से तिलक लगाने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है तथा आर्थिक रूप से भी मजबूती आती है। 
अनामिका (रिंग फिंगर)
अनामिका ऊँगली का प्रयोग कर के तिलक करने से व्यक्ति का आज्ञा चक्र जाग्रत होता है। इससे व्यक्ति को प्रसिद्धि मिलती है। किसी भी शुभ काम के लिए तिलक अनामिका से करना सर्वोत्तम माना गया है।
तर्जनी (इंडेक्स फिंगर)
शास्त्रों में तर्जनी से तिलक करने का भी उल्लेख है। तर्जनी को मोक्षदायनी माना जाता है। इसीलिए जब कोई व्यक्ति सांसारिक नहीं रहता तब उसे तर्जनी से तिलक करते हैं। मृत्यु के उपरांत भी तर्जनी से तिलक किया जाता है। इसी कारण किसी भी धार्मिक और सामाजिक उत्सवों में तर्जनी से तिलक करना वर्जित माना जाता है।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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