गोद भराई की रसम क्यों की जाती है

हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों का महत्त्व है। इन संस्कारों की शुरआत गर्भधारण से शुरुआत होती है और आखरी संस्कार अंत्येष्टि तक के होते है। आज हम आपको इन्ही में से एक गोद – भराई के बारे में बताने जा रहे है। दरअसल हम में से बहुत से लोग इस रसम को निभाते तो जरूर है पर ये नहीं जानते की इसको आखिर क्यों मनाते है।
हिन्दू धर्म में गर्भ धारण के सातवें महीने में गोद भराई की रसम मनाई जाती है। इस रसम में आने वाली संतान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक विशेष प्रकार की पूजा की जाती है। साथ ही भावी माता पिता को घर परिवार के बड़े बुजुर्ग आशीर्वाद देते हैं तथा उनके मंगल जीवन की कामना करते है।

इसके अलावा गर्भवती महिला की गोद में बहुत सारे फल, सूखे मेवे, डॉयफ्रुइट्स इत्यादि डाले जाते है। जो की प्राकृतिक रूप से तेलिये होते है। इन्हे खाने से गर्भवती महिला और उसकी संतान को पोषण तो मिलता ही है साथ ही प्रसव के समय कम पीड़ा होती है।
इसके अतिरिक्त कुछ जगहों पर महिला को गोद भराई के बाद उसके मायके भेज दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि महिला हो अपने अपनी ससुराल की अपेक्षा मायके में ज्यादा आराम मिल सके। तो ये थी गोद भराई से जुड़ी कुछ बातें। आगे भी हम इसी तरह की जानकारियां आपके साथ साझा करते रहेंगे।
यदि आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो कृपया मुझे फॉलो करें ताकि आपको इसी प्रकार के लेख और खबरें तथा जानकारी मिलती रहे।
नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

11 − 5 =