क्यों की जाती है खंडित शिवलिंग की पूजा

वैसे तो हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा की जाती है। साथ ही मूर्ति पूजा करने के कुछ नियम भी हैं जिन्हे हर किसी को मानना पड़ता है। जैसे की कोई भी व्यक्ति मूर्ति या प्रतिमा को अशुद्ध हाथों से नहीं छू सकता। इसके अलावा देवी देवता को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद भी शुद्ध होना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार मंदिर में अगर कोई भगवान् की प्रतिमा खंडित हो जाए तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। खंडित मूर्तियों या प्रतिमाओं की पूजा करना अनुचित माना जाता है। परन्तु यहाँ पर भगवान् शिव का स्वरुप शिवलिंग एक अपवाद है। आप इस संसार में व्याप्त किसी भी शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं फिर चाहे वो मूर्ति या प्रतिमा खंडित ही क्यों न हो। ऐसा इसलिए है क्यूंकि ऐसा माना जाता है की शिव इस संसार में हर स्वरुप में विद्यमान हैं। इसलिए उनका शिवलिंग चाहे सम्पूर्ण हो या खंडित वो हर तरह से पूजनीय है।
अब आगे से अगर आपको कभी भी कोई शिवलिंग मिले फिर चाहे वो खंडित ही क्यों न हो उसके समक्ष हाथ जरूर जोड़ लें।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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