आप की राय: बलात्कारी का धर्म देखा जाना चाहिए?
मंदसौर मध्यप्रदेश में एक बच्ची के साथ हुई बलात्कार की घटना ने दिल को झकझोर कर रख दिया। कैसे कोई व्यक्ति इतनी ज्यादा वीभीस्थ घटना को अंजाम दे सकता है? जब में उस घटना के बारें में टीवी पर सुनता हूँ या अखबार में पढ़ता हूँ तो खून खौल उठता है।
शर्म आती है मुझे की मैं खुद एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ जहाँ पर इंसान की शक्ल में भेड़िये घूम रहे है।
साथ ही मुझे शर्म आती है अपने देश के उन बुद्धिजीविओं पर जिन पर राष्ट्र निर्माण की उम्मीदें होती हैं और वो लोग अपना पक्ष धर्म, समुदाय और मजहब देख कर रखते हैं।
साथ ही मुझे सबसे ज्यादा शर्म आती है अपने देश के राजनेताओं पर। मैं यहाँ पर किसी पार्टी विशेष की बात नहीं अमुक सभी दलों के ज्यादातर नेताओं के बारें में कह रहा हूँ जिन्हे देश में हुई बर्बरता की निंदा करने में भी इस बात की चिंता लगी रहती है की कहीं कोई वोट बैंक नाराज न हो जाए।
क्या कठुआ के बलात्कारी और मंदसौर के बलात्कारी के बीच में फर्क किया जाना सही है? क्या बलात्कारी के बीच में धार्मिक मतभेद करना सही है? मेरा मानना है हमे अपनी विचारधारा में परिवर्तन लाना होगा तभी इस देश में हम बच्चियों को खुली हवा में सांस लेने का मौका दे पाएंगे। सुकन्या समृद्धि या सेल्फी विद डॉटर भी तभी सार्थक हो पाएंगे जब हम इस देश की बच्चियों को सुन्दर और सुरक्षित भविष्य दे पाएं। अगर आपकी अपनी कोई राय हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करें और कमेंट कर के बताएं।
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