किस बात का मलाल रहा सोमनाथ चटर्जी को अपने जीवन में
सोमनाथ चटर्जी एक कम्युनिस्ट नेता के साथ साथ एक वकील भी थे। बहुत कम लोग यह जानते हैं की उनके पिता निर्मल चंद्र चटर्जी हिन्दू महा सभा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। ये बहुत ही आश्चर्य चकित करने वाली बात थी की सोमनाथ चटर्जी ने एक अलग कम्मुनिस्ट राह चुनी।
सोमनाथ चटर्जी UPA सरकार के कार्यकाल में स्पीकर के पद पर रहे। उन्हें एक बात का मलाल हमेशा रहा की स्पीकर पद पर आने के बाद उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने न्युक्लियर डील के दौरान अपनी पार्टी का साथ नहीं दिया जिसके कारण उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। उस पार्टी से जिसे उन्होंने सिर्फ सींचा ही नहीं बल्कि जिया भी था। ये उनके लिए एक खून का घूंठ पीकर अपमानित होने जैसा था।
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