Article 377 के बाद अब इस क़ानून को भी बदलने की मांग ने पकड़ा ज़ोर, जानिए क्या है क़ानून
देश में समलैंगिकों के बीच खुशियों का माहौल है और हो भी क्यों ना। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासक निर्णय सुनते हुए 150 साल से भी पुराने क़ानून IPC के Section 377 को बदलते हुए अब समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही समलैंगिकों और कुछ NGO की और से एक और क़ानून परिवर्तन की मांग की जा रही है और यह मांग है बच्चे गोद लेने वाले कानून को लेकर।
दरअसल समलैंगिकता के कारण ऐसे कपल पार्टनर तो बन जाते हैं परन्तु वो माता पिता बनने के सुख से वंचित रहते हैं। देश के मौजूदा क़ानून के मुताबिक ऐसे जोड़े बच्चे भी गोद नहीं ले सकते हैं। इसी कारण इन लोगों ने इस क़ानून को बदलने की मांग उठायी है। आपका इस बारें में क्या कहना है। कमेंट कर के हमसे साझा करें।
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