येलो कार्ड्स और रेड कार्ड्स की शुरआत फुटबाल में क्यों हुई
फुटबाल के खेल में आप सभी यह तो जानते हैं की मैच में मौजूद रेफरी खिलाडियों के बुरे खेल या व्यवहार के कारण येलो या रेड कार्ड दिखा कर बाहर भेज देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की इसकी शुरआत कब और कहाँ से हुई। अगर नहीं आज हम आपसे इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
बात है 2 जून 1962 की जब की फुटबाल का वर्ल्डकप की मेजबानी चिली कर रहा था। वहां के शहर सेंटिआगो शहर में चिली का मुकाबला इटली से था। इटली के फेन्स, मीडिया और खिलाड़ी उस वर्ल्डकप के आयोजन में हो रही कमियों के बारें में ज्यादा ही बोल रहे थे। इसके वजह से चिली और इटली के बीच तनातनी बढ़ गई थी।
जब मैच शुरू हुआ तो चिली और इटली के प्लेयर्स और फेन्स आपस में भीड़ गए। इस मैच को “बेटल ऑफ़ सेंटिआगो” नाम से जाना जाता है। इस मैच के दौरान जो रेफरी थे उन्होंने आगे चलकर येलो और रेड कार्ड की शुरआत की।
यदि आपको उपरोक्त दी गई जानकारी अथवा यह ये लेख अच्छा लगा हो तो कृपया कर के मुझे लाइक, फॉलो और सब्सक्राइब जरूर करें ताकि आपको इसी प्रकार के लेख, जानकारियां और खबरें मिलती रहे। अगर आपका कोई प्रश्न हो तो कमेंट कर के हम से जरूर पूछें।
नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। आप स्वयं पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत अथवा प्रमाणित ट्रेनर या अन्य किसी पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये।