क्या फर्क होता है सफ़ेद और देसी अंडो में?
संडे हो या मंडे रोज़ खाओ अंडे। दोस्तों ये पंच-लाइन तो हम सभी बचपन से सुनते आ रहें हैं। हम में से बहुत से लोग ऐसे हैं जो अंडे खाते भी हैं। हम सभी जानते हैं की अंडे 2 प्रकार के होते हैं। देसी और सफ़ेद। पर क्या आप देसी और सफ़ेद अंडों के बीच का फर्क जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहें हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।
अंडो को प्रोटीन का एक बहुत बड़ा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा इससे मिलने वाला कैल्शियम हमारी हड्डियों के लिए बहुत ही अहम् होता है। देसी अंडा भूरे या मटमैले रंग का होता है। ये अंडे स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं। इनके लिए मुर्गियों को आर्टिफिशियल हार्मोन या इंजेक्शन दवाइयां इत्यादि इस्तेमाल नहीं की जाती है। इसके विपरीत सफ़ेद अंडे आर्टिफिशियल हार्मोन इंजेक्ट कर के प्राप्त किये जाते हैं।
हालाँकि दोनों प्रकार के अंडों के पोषण तत्वों में सिर्फ 15 से 20 प्रतिशत का ही फर्क होता है। देसी अंडे सफ़ेद अंडो के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होते है। अगर आप के पास भी इससे जुड़ी कोई खबर या जानकारी हो तो हमसे साझा जरूर करें।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। आप स्वयं पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत अथवा प्रमाणित ट्रेनर या अन्य किसी पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये।