समलैंगिकता अब नहीं रहा अपराध
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासक निर्णय सुनते हुए 150 साल से भी पुराने क़ानून की धारा इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 377 को बदलते हुए अब समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय में 5 जजों की पीठ ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह साफ़ किया है की यह सिर्फ आपसी सहमति से बने समलैंगिक सम्बन्धो के लिए ही है। इसमें अप्राकृतिक योन सम्बन्ध, बच्चों और जानवरों के प्रति योन अत्याचरों के सन्दर्भ में पुराना कानून के अनुसार सजा का प्रावधान रहेगा।
हालांकि कुछ संगठन इसके विरोध में आ गए हैं। उनका कहना है की सरकार SC /SC Act की भांति संसद में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को पलट कर क़ानून बनायें। आपका इस बारें में क्या कहना है। अपनी राय कमेंट कर के बताएं।
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