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किताबें जो भारत में प्रतिबंधित हैं!

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(Image Source: Google)

क्या आप जानते हैं की भारत में प्रतिबंधित (banned) शीर्ष 10 पुस्तके कौन सी हैं? अगर नहीं तो आज हम आप को बताते हैं भारत में प्रतिबंधित पुस्तकों के बारें में। यहां हमारे पास भारत की शीर्ष 10 प्रतिबंधित पुस्तकों की सूची है।  

स्टेनली वोलपोर्ट द्वारा “नाइन हॉर्स टू रामा” इस किताब में गांधी को उचित सुरक्षा प्रदान करने की सरकार की अक्षमता को उजागर करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इस पुस्तक में संभावित संघर्ष और अयोग्यता पर भी संकेत दिया गया था।  

जेम्स लाइने द्वारा “शिवजी: हिन्दू किंग इन इस्लामिक इंडिया” माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट के अनुसार, इस किताब पर “सामाजिक शत्रुता को बढ़ावा देने वाली सामग्री” होने के कारण इसे प्रतिबंधित किया गया था।  

ऑब्रे मेनन द्वारा “द ररामायण” इस किताब पर महाकाव्य के हिंसक कट्टरपंथी नेताओं और कई अन्य समूहों के नाराज होने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।  

सीमोर हर्स द्वारा “द प्राइस ऑफ़ पावर” इस पुस्तक पर सुझाव देने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इस पुस्तक में बताया गया कि मोरारजी देसाई एक सीआईए की मुखबिर थे। इससे एक राजनीतिक विवाद भी हुआ था।  

उदय हामिश मैकडोनाल्ड द्वारा “द पॉलिएस्टर किंग: द राइज ऑफ़ धीरूभाई अम्बानी” इस किताब ने अंबानी परिवार के खिलाफ तथा निंदा की बात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस किताब से विवाद भी हुआ है।  

वेंडी डोनीगर द्वारा “द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री” इस किताब में गलत तरीके से हिंदू देवताओं को चित्रित करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इससे हिंदू संगठनो और नेताओं के नाराज होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया।  

रोहिंटन मिस्त्री की “सच अ लॉन्ग जर्नी” इस पुस्तक ने पिछले साल शिवसेना पार्टी और मराठी भाषी लोगों के प्रति अपमानजनक होने के कारण कॉलेजों में भारतीय पाठ्यक्रम से प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके साथ ही एक राजनीतिक बहस की भी शुरआत हुई।  

तस्लीमा नसरीन द्वारा “लज्जा” कथित तौर पर मुस्लिम भावनाओं को आहत करने के लिए इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यहां तक ​​कि लेखक के खिलाफ “फतवा” भी जारी किया गया था।  

कैथरीन मेयो द्वारा “मदर इंडिया” इस किताब ने भारत की महिलाओं, अस्पृश्यों, जानवरों तथा राष्ट्रवादी राजनेताओं के चरित्र और किशोरावस्था के विवाह की समस्या पर ध्यान देने, और उस पर टिप्पणी करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।  

सलमान रुश्दी द्वारा “द सैटेनिक वर्सेज” इस पुस्तक में कथित रूप से पैगंबर के अपमान के लिए प्रतिबंधित किया गया था। इसके लेखक भी “फतवे” का सामना कर रहे हैं।  

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